F&O rules for Retail Investors : F&O मार्केट्स में रिटेल इनवेस्टर्स की बढ़ती दिलचस्पी से रेगुलेटर्स और सरकार चिंतित हैं। उनका मानना है कि मार्केट क्रैश करने पर रिटेल इनवेस्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी इस बारे में चिंता जता चुकी हैं
सेबी नेफ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। उसने एक वर्किंग ग्रुप बनाया है। इसका मकसद इक्विटी
डेरिवेटिव में रिटेल इनवेस्टर्स के हितों की सुरक्षा और रिस्कमैनेजमेंट है। वर्किंग ग्रुप के एक सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर मनीकंट्रो ल को इस बारे में बताया
है। इस 15 सदस्यों वाले ग्रुप के प्रमुख जी पद्मना भन को बनाया गया है। वह आरबीआई के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके हैं।
वर्किंग ग्रुप में स्टॉक्सएक्सचेंज के प्रतिनिधि शामिल
इस वर्किंग ग्रुप में स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकरेज फर्म, क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस, म्यूचुअल फंड्स, एक बड़ी कंपनी और IIM के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह ग्रुप एक्सचेंज-ट्रेडेड
डेरिवेटिव (ETD) में इनवेस्टर्स के हितों की सुरक्षा के लिए नियर टर्म और मीडियम टर्म उपायों के बारे में सुझाव देगा। साथ ही वह मार्केट डेवलपमेंट और रेगुलेशन बढ़ाने
के लिए ETD के रिस्कमीट्रिक्सऔर रिस्कआर्किटेक्चर को इम्प्रूव करने की सलाह देगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी जता चुकी हैं चिंता – Fy19 से FY22 के बीच इंडिया में F&O ट्रेडर्स की संख्या पांच गुनी हो गई है।फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन के मुताबिक, अब BSE और NSE डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की
संख्या के लिहाज से दुनिया के दो सबसे बड़े स्टॉ क एक्सचेंज बन गए हैं। ग्लोबल वॉल्यूम में इनकी हिस्सेदारी करीब 85 फीसदी तक पहुंच गई है। इस साल मई में फाइनेंस
मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि F&O ट्रेडिंग में रिटेल इनवेस्टर्स के बढ़ते पार्टिसिपेशन का असर इनवेस्टर सेंटिसें मेंट और परिवारों की वित्तीय सेहत पर पड़
सकता है।
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