l&T finance होल्डिंग्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ दीनानाथ दुभाषी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में NBFC में क्या बदलाव आए हैं और इंडस्ट्री कैसे विकसित हुई है
उन्होंने बताया कि एलएंडटी फाइनेंस में, हमने ग्राहकों के लिए गहन रूप से डाटा स्टडी, एआई और एमएल मॉडल के उपयोग द्वारा समर्थित पेशकश का एक इको सिस्टम बनाया है. आज, अकाउंट एग्रीगेटर डाटा और वैकल्पिक डाटा सिग्नल की मदद से, हम न सिर्फ ग्राहक को सटीक तरीके से अंडरराइट कर सकते हैं, बल्कि कम लागत और बेहतर परिचालन दक्षता पर भी काम कर सकते हैं.
एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ दीनानाथ दुभाषी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में NBFC में शैडो बैंक के रूप में पहचाने जाने से लेकर वित्तीय क्षेत्र में समान खिलाड़ी बनने तक परिवर्तन देखा गया है. एनबीएफसी अब सिर्फ उन ग्राहकों के लिए फाइनेंस का सोर्स नहीं रह गई हैं, जिन्हें बैंक लोन देने से मना कर देते हैं. आज एनबीएफसी ने टेक्नोलॉजी और डाटा की ताकत का लाभ उठाया है और एक प्रमुख डिफरेंशिएटर के रूप में डिजिटल और डाटा एनालिटिक्स के साथ अपने बिजनेस को बेहतर बनाया है.
2015 या उसके आसपास तक, एनबीएफसी के पास ग्राहक स्तर के विस्तृत डाटा की उपलब्धता व्यावहारिक रूप से शून्य के करीब थी. जो उपलब्ध भी था, वह फाइनेंस की जा रही ‘संपत्तियों’ के बारे में जानकारी थी. इससे उत्पाद को लेकर विशेषज्ञता और परिसंपत्ति डाटा के आधार पर क्रेडिट निर्णय लेने वाली ‘मोनोलाइन कंपनियों’ का विकास हुआ. फिर, वह चरण शुरू हुआ जहां क्रेडिट सूचना कंपनियों के साथ क्रेडिट जानकारी साझा करने के अलावा बैंकों और एनबीएफसी को अनिवार्य रूप से विस्तार में कस्टमर डाटा रिपोर्ट करने के आरबीआई के निर्देशों के बाद क्रेडिट ब्यूरो के साथ ही डाटा स्टोर विकसित होना शुरू हुआ.
फाइनेंसिंग के तरीके में बड़ा बदलाव
आज, डाटा लोकतांत्रिक तरीके से उपलब्ध है. इसलिए, हम अब उस समय में चले गए हैं, जहां लोन देने वाली कंपनी या संस्था मार्केट डाटा के अलावा संपत्ति की जानकारी, ग्राहक पर लोन की स्थिति, व्यक्तिगत आय, पारिवारिक आय, पिनकोड के संयोजन के आधार पर बारीकी से जोखिम का आकलन करने के बाद ही लोन देते हैं और इस सबने फाइनेंसिंग के तरीके में बड़ा बदलाव रूप से बदलाव किया है.
एलएंडटी फाइनेंस में बड़े बदलाव
अब तक की यात्रा किसी परिवर्तनकारी से कम नहीं रही है. हमने एलएंडटी फाइनेंस को एक टॉप श्रेणी की डिजिटल रूप से सक्षम रिटेल फाइनेंस कंपनी, फिनटेक@स्केल में बदलने की स्पष्ट सोच के साथ, अप्रैल 2022 की शुरुआत में अपने लक्ष्य 2026 योजना के बारे में विस्तार से बताया था.
यह योजना साल 2026 के लिए नीचे दिए गए लक्ष्यों पर आधारित थी –
>80% रिटेल पोर्टफोलियो (रिटेलाइजेशन)
> 25% सालाना रिटेल ग्रोथ
ग्रॉस स्टेज 3 <3% और नेट स्टेज 3 <1%: रिटेल एसेट क्वालिटी
2.8-3%: रिटेल रिटर्न ऑन एसेट्स यानी परिसंपत्तियों पर खुदरा रिटर्न
योजना के अनुरूप, हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई तरह के जरूरी बदलाव किए और इसके हमें अच्छे परिणाम भी मिले हैं. हमने पहले ही वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही यानी Q2FY24 में 88% रिटेल पोर्टफोलियो (रिटेलाइजेशन) का लक्ष्य हासिल कर लिया है. Q2FY24 में रिटेल बुक सालाना आधार पर 33 फीसदी की दर से बढ़ी, जबकि होलसेल बुक सालाना आधार पर 76 फीसदी कम हुई. हमारे पोर्टफोलियो ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, रिटेल जीएस3 और एनएस3 का स्तर 3% और 1% से नीचे रहा है, जबकि 3.32% का रिटेल आरओए हासिल किया है.
आरबीआई के सर्कुलर पर बोले दीनानाथ दुभाषी
आरबीआई की ओर से अनसिक्योर्ड लोन देने के नियमों पर सख्ती करने पर दीनानाथ दुभाषी ने कहा कि मूल रूप से यह सर्कुलर, लोन देने वाली इंडस्ट्री को असुरक्षित उपभोक्ता लोन खंड में क्रेडिट अंडरराइटिंग करते समय अधिक सावधानी बरतने और अधिक सतर्क रहने के लिए नियामक का संकेत है. उन्होंने कहा कि आरबीआई का यह कदम इस क्षेत्र में आक्रामक तरीके से लोन देने को रोकने के लिए एक अधिक सक्रिय उपाय है.
बीते साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सामान्य आशंका देखी गई, विकास की संभावनाएं कम हुईं और दुनिया भर की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए व्यापक बजट घाटा हुआ. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्षों ने वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखलाओं और शिपिंग को प्रभावित किया, जिससे बड़े पैमाने पर शॉर्टेज हुई और उपभोग का पैटर्न बाधित हुआ. इसके साथ ही महंगाई के लंबे समय तक बरकरार रहने से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को वित्तीय स्थितियों को सख्त करने के लिए मजबूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ गईं.
विकास दर 6.7% रहने का अनुमान
हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था ने महामारी से अपेक्षाकृत तेजी से उबरने, विभिन्न चुनौतियों पर काबू पाने और कुल व प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद दोनों मामले में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने के लिए एक ऊपर की ओर प्रक्षेपवक्र बनाए रखते हुए उल्लेखनीय लचीलेपन का प्रदर्शन किया. दरअसल कुछ प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने FY27 तक भारत की औसत विकास दर लगभग 6.7% रहने का अनुमान लगाया है.
एलएंडटी फाइनेंस में, कारोबारी साल 2023 की शुरुआत में, हमने 585 करोड़ रुपए का लोन जुटाया था, जो कारोबारी साल 2023 के 200 करोड़ रुपये की तुलना में 190 फीसदी अधिक है. इसके अलावा, एलएंडटी फाइनेंस ‘डिजिटल सखी’ अभियान चला रहा है जिसके तहत हम ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग देते हैं और सफलता के लिए उनकी देखभाल करते हैं. जो बदले में महिला उद्यमिता और डिजिटल वित्तीय साक्षरता (डीएफएल) को बढ़ावा देती हैं